मुझे याद नहीं कि बचपन में कभी पनीर खाया हो। मतलब रोज की जिंदगी के मेनु में। हां, साल में एक बार हम मम्मी-पापा की ….
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क्या आप कभी साड़ी की दुकान में गए हैं? घुसते ही सेल्समैन आपका स्वागत करते हुए साड़ी के बंडल उठा लेता है। आइए, बैठिए… ….
नया वर्ष, नई उमंग, नए इरादे। सिर्फ सात दिन हुए, भूल गए हो वादे। वही, जिसे अंग्रेजी में न्यू ईयर रिजॉल्यूशन कहा जाता है। ….
जागो मोहन प्यारे… कचरा देने का टाइम हो गया है। जी हां, हर सुबह लगभग साढ़े छह बजे, एक हंसता-गाता कचरे का ट्रक इंदौर ….
कुछ दिन पहले मैं एक शादी में शामिल हुई। लेकिन वहां पहुंचकर लगा कि ठीक से तैयारी नहीं की। कई जरूरी चीजें साथ लेकर ….
हाल ही में एक जानी-मानी शख्सियत से मेरी मुलाकात हुई। अपने लम्बे कॅरियर में उन्होंने ढेर सारी उपलब्धियां पाईं। दौलत भी कमाई, और नाम भी। ….
क्या आप चाय का कप हाथ में लिए हुए सुबह का अखबार पढ़ रहे हैं? हर घर की यही कहानी है। सुबह की चाय ….
कुछ साल पहले एक नौजवान अपने होने वाले सास-ससुर से पहली बार मिलने बेंगलुरू पहुंचे। आप कल्पना कर सकते हैं, लड़के के लिए और ससुराल ….
‘मन क्यूं बहका रे बहका, आधी रात को…’ इस सवाल का जवाब तो मेरे पास नहीं है। मगर मैं यह जरूर कहूंगी कि गाने ….
30.09.2022 हर घर कुछ कहता है, इसमें कौन रहता है। कुछ साल पहले एक पेंट कम्पनी का ये स्लोगन काफी मशहूर हुआ था। उसी तरह ….