fbpx

About Me

0 (0) Rashmi Bansal is a writer, entrepreneur and a motivational speaker. An author of 10 bestselling books on entrepreneurship which have sold more than 1.2 ….

Learn More
signature

आत्मनिर्भरता महज नारा नहीं, जीवनशैली है, इस पर गर्व करें, हमारे वैज्ञानिकों के जीवन से लें प्रेरणा

5
(1)

01.09.2021

बेटा इंजीनियरिंग कर ले, अच्छी नौकरी लग जाएगी। यह हिदायत लाखों बच्चों को आज भी दी जाती है। ऐसे ही एक शख्स थे बम्बई के जाने-माने धनी परिवार से। बेटे को इंग्लैंड भेजा गया, ताकि लौटकर वो फूफाजी की स्टील फैक्टरी में लग जाए। पर नौजवान का रुझान था विज्ञान की तरफ। परिवार वालों को उसने मनाया, मगर पिताजी की एक शर्त थी।

अगर इंजीनियरिंग में फर्स्ट क्लास से पास हो जाओ, तो आगे मन की पढ़ाई कर सकते हो। यह शर्त तो ऐसे मेधावी छात्र के लिए सरल थी, पूरी कर ली। उसके बाद मैथमेटिक्स में दूसरी डिग्री हासिल की। कैम्ब्रिज महाविद्यालय की कैवेंडिश लैबोरेटरी के साथ जुड़कर, फिजिक्स में उन्होंने पीएचडी भी प्राप्त की।

अगले कुछ साल ब्रह्मांडीय किरणों यानी कॉस्मिक रे रिसर्च में अच्छा-खास काम किया। 1939 में कुछ दिन के लिए भारत आए। मगर द्वितीय विश्वयुद्ध छिड़ गया। इंग्लैंड लौटना नामुमकिन था। इसलिए बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से जुड़ना पड़ा। पर वहां वो संतुष्ट न थे। क्यों न भारत में कैवेंडिश लैबोरेटरी के स्टैंडर्ड का वैज्ञानिक संस्थान खोलें? और यह काम उन्होंने कर के दिखाया। स्टील फैक्टरी वाले फूफाजी थे दोराबजी टाटा। उनके ट्रस्ट से पैसों का इंतजाम किया। और पेडर रोड स्थित पारिवारिक बंगले से शुरू हुआ अनुसंधान केंद्र। जो आज विश्वभर में जाना जाता है: टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर)।

यह तिगड़मी इंसान थे होमी जेहांगीर भाभा और उनके द्वारा स्थापित टीआईएफआर में मेरे पिताजी ने 45 साल काम किया। वैज्ञानिकों के बीच मैंने बचपन के खूबसूरत दिन बिताए। लेकिन वे लैब में क्या करते थे, मुझे क्या मालूम? हाल ही में हरि पुल्कित की पुस्तक, ‘स्पेस, लाइफ, मैटर’ पढ़ने मिली। मुझे अद्भुत बातों का ज्ञान मिला।

ऊंचे स्तर की रिसर्च के लिए ऊंचे स्तर के उपकरण जरूरी हैं। देश हाल ही में आजाद हुआ था, साधन कम थे। इंपोर्ट महंगा था। तो वैज्ञानिक क्या करते? एक एक्सपेरिमेंट के लिए उन्हें ‘क्लाउड चैंबर’ की आवश्यकता थी। तो उन्होंने दिमाग लगाया और जुगाड़ी तरीके से समस्या हल की। चोर बाजार से पुरानी मशीनों के पुर्जे ढूंढ-ढूंढ कर निकाले। परीक्षण करते गए, आखिर उन्हें सफलता मिली। ट्रांसफॉर्मर से लेकर वैक्यूम टेक्नोलॉजी तक, सारे यंत्र उन्होंने खुद बनाए। आत्मनिर्भरता एक स्लोगन नहीं, जीवनशैली थी, जिसपर हर साइंटिस्ट को गर्व था।

कहते हैं मेहनत का फल मीठा होता है। पर ‘हार्ड वर्क’ के साथ ‘स्मार्ट वर्क’ भी जरूरी है। होमी भाभा जानते थे कि अमीर देशों के साथ हम सीधी टक्कर नहीं ले पाएंगे। उन्होंने रिसर्च के ऐसे टॉपिक्स चुने, जहां भारत में होने का कुछ लाभ मिले। और होनहार तरुण वैज्ञानिकों को हौसला दिलाया कि आप लोग बड़े से बड़ा काम कर सकते हो।

कर्नाटक के कोलार जिल में सोने की खदान में एक प्रयोगशाला बनाई। 100 फीट की गहराई वाली ऐसी खदान दुनिया में और कहीं नहीं थी। ब्रह्मांडीय किरणों का अध्ययन ऊंचाई पर गरम हवा के गुब्बारों द्वारा होता है। मगर जमीन से जब कॉस्मिक किरणों का टकराव होता है, तो हमें श्रृष्टि के संबंध में कौन-सी नई जानकारी मिल सकती है? आप कहेंगे, यह जानकर फायदा क्या? मूल विज्ञान, यानी फंडामेंटल साइंस के खिलाफ यही आपत्ति उठाई जाती है। मगर मूल विज्ञान में प्रगति से ही व्यावहारिक विज्ञान उत्पन्न होता है। यह गर्व की बात है कि गरीब देश होते हुए, हमने दूरदर्शिता दिखाई और मूल विज्ञान को भी पनपने दिया।

ऊटी रेडियो दूरबीन, जीएमआरटी टेलिस्कोप, आर्यभट्‌ट सेटेलाइट, एस्ट्रोसैट, इन प्रोजेक्ट्स में भारत ने वो कमाल दिखाया जो दुनियाभर में सराहा गया। वैज्ञानिकों पर आधारित इस पुस्तक को आप भी पढ़ें, आनंद लें।
युवा पीढी के लिए खास संदेश- अपनी प्रतिभा के अनुसार पढ़ाई चुनो और उसमें मास्टर बनो। सिर्फ बैंक बैलेंस नहीं, देश का मान बढ़े, ऐसा काम करने की ख्वाहिश रखो। यह आसान नहीं, पर मुमकिन है। है आप में दम?

 

How did you like the story?

The author would love to know

5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Admin VIP

One thought on “आत्मनिर्भरता महज नारा नहीं, जीवनशैली है, इस पर गर्व करें, हमारे वैज्ञानिकों के जीवन से लें प्रेरणा

  1. इसमें के.एस.कृष्णन का उल्लेख होता तो और अच्छा होता , इन्होने भाभा की तरह अनेक वैज्ञानिक तैयार किये जैसे भटनागर,धवन आदि

Leave a Reply to Er Manoj K Kamra Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *