fbpx

About Me

0 (0) Rashmi Bansal is a writer, entrepreneur and a motivational speaker. An author of 10 bestselling books on entrepreneurship which have sold more than 1.2 ….

Learn More
signature

सच्चे दिल से जब कोई मांगता है तो मदद जरूर मिलती है

0
(0)

“मांग के साथ तुम्हारा, मैंने मांग लिया संसार’- बहुत पुराना, बहुत यादगार गाना है। लेकिन हम में से कई लोग हैं जो शान से कहते हैं- मैं किसी से कुछ नहीं मांगता। जो मेरे पास आ गया, वो ठीक। उनकी सेल्फ-इमेज है​ ​कि मैं स्वावलम्बी हूं,​ ​किसी के आगे हाथ नहीं फैलाऊंगा।

शायद हमारे देश में ये ज्यादा गर्व की बात है क्योंकि आमतौर पर मांगना हम एसोसिएट करते हैं भीख से। सड़क पर गाड़ी रुकी तो किसी ने शीशा खटखटाया और हाथ में कटोरा लिए खड़ा है। ज्यादातर लोग नजर फेर लेते हैं, सिग्नल हरा होते ही गाड़ी बढ़ा लेते हैं।

भीख वो इंसान मांगता है, जो बेबस और लाचार है। हम अपने को लाचार नहीं समझते। अच्छी बात है। लेकिन क्या हर स्थिति में कुछ मांगना गलत है? चलिए, देखते हैं जीवन की कुछ आम सिचुएशंस, जिनमें हम मांगने से कतराते हैं। तब उसका नतीजा क्या होता है।

आप नौकरी करते हैं। ईमानदार हैं, मेहनती हैं, चुपचाप अपना काम कर रहे हैं। आपका कलीग आपसे कम क्वालिटी का काम करता है मगर बॉस को मक्खन लगाता है। इसलिए उसको प्रमोशन मिला, आपको नहीं। मन ही मन आप कुढ़ रहे हो, लेकिन फिर भी आप चुप।

तो क्या करें? बॉस के पास जा कर रोना-धोना या गुस्सा करने से तो फायदा होगा नहीं। अगर आप उनका अटेंशन पाना चाहते हो तो ये जरूर मांग सकते हो- एक चैलेंज। कोई ऐसा काम जो कोई नहीं करना चाहता, या जो बहुत कठिन है। आप कहिए- गिव इट टु मी।

बॉस चौंक जाएंगे- ये कौन बंदा है? चाहे अभी कोई ऐसा असाइनमेंट ना भी हो, उनकी नजर में तुम्हारे लिए मान बढ़ जाएगा। और जिस दिन उनके पास वो काम आता है, आपका नाम उनके दिमाग में आएगा। अब वो असाइनमेंट पूरा दिल और दिमाग लगाकर करना है।

शायद थोड़ा मुश्किल भी हो, डर लग रहा हो कि हो पाएगा या नहीं, तो ऐसे वक्त में आपको फिर से हिम्मत करनी पड़ेगी। ऑफिस में, या ऑफिस के बाहर कोई सीनियर्स होंगे, या जानकार। उनसे मदद मांगनी होगी। विनम्रता से, शिष्टाचार से। आपको आश्चर्य होगा, कोई ना कोई राजी हो जाएगा।

अगर कोई ना भी मिले, तो इंटरनेट से मदद मांग लीजिए। आपके सोशल मीडिया सर्कल में कई ऐसे लोग हैं, जिनसे परिचय गहरा नहीं। पर ऐन वक्त पर वो आगे बढ़कर आपकी मदद कर सकते हैं। और तो और, ऑनलाइन वर्ल्ड में तो अजनबी भी कभी-कभी एक फरिश्ता बनकर आ जाता है।

शायद आपको विश्वास नहीं इस बात पर, तो आजमाकर देखिए। सृष्टि का नियम है, सच्चे दिल से जब कोई मदद मांगता है तो कोई मदद करता है। वो कब, कहां, कैसे होगा, ये भगवान की माया है। इसी तरह एक दिन आप भी किसी की मदद करेंगे। हिसाब-किताब मत रखिए, ये मनुष्य की समझ के बाहर की बात है।

खैर, ये तो था एक एग्जाम्पल। आशा है कुछ मांगते या कुछ देते समय आप “भीख’ शब्द मन में नहीं लाएंगे। वैसे हम क्यों मांगने से कतराते हैं? क्योंकि डर है हमें सामने वाला मना कर देगा, हमारे ईगो को चोट लगेगी। लेकिन दुनिया का कोई भी बड़ा काम शर्मा-शर्मी से नहीं हुआ है।

शार्क टैंक पर जो आता है, इनवेस्टमेंट मांगता है। कुछ लोग रिजेक्ट हो जाते हैं, लेकिन वो कहते हैं इससे कुछ सीखा। अगली बार और अच्छा प्रजेंट करेंगे, बिजनेस को बढ़ा करेंगे। जिसने आज मना किया, वो कल पछताएगा कि हाय मैंने कितना अच्छा मौका खो दिया जाएगा। पैसा नहीं मिला, कोई नहीं, जोश तो मिला।

तो मांगने से ना डरिए- ना किसी इंसान से, ना ही भगवान से। हां, भगवान से भी भीख न मांगिए। कि मैंने पढ़ाई नहीं की, पास करवा दो। भाई, गणित का उसूल है- कोई भी संख्या गुणा जीरो = जीरो। इसलिए आपके पास होने की इच्छा गुणा जीरो मेहनत = जीरो।

इस समीकरण को हमारे परमपिता भी नहीं बदल सकते। तो मांगिए भगवान से अधिक शक्ति। मेरे हर काम में घुली हो भक्ति। आपका हाथ मेरे सर पर है; मेरे अंदर डर ना है। आने दो कोई कठिनाई, मुझसे लड़ना होगा भाई। मांग के देखो ये वरदान, बन जाओ उत्कृष्ट इंसान।

 

How did you like the story?

The author would love to know

0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

Admin VIP

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *