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0 (0) Rashmi Bansal is a writer, entrepreneur and a motivational speaker. An author of 10 bestselling books on entrepreneurship which have sold more than 1.2 ….

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बिल्कुल अलग और न्यारे हो, ये बात भूलना ना कभी…

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आजकल कुछ याद नहीं।
चाबी कहां, चश्मा कहां,
गैस बंद करी या नहीं।
बिजली का बिल शायद भरा था,
शायद नहीं।

आजकल कुछ याद नहीं।
किसी के घर का पता,
किसी बच्चे का नाम,
कौन-सी क्लास में पढ़ रहे हो बेटा?
पूछा तो सही।

आजकल कुछ याद नहीं।
आज किस का जन्मदिन,
शादी की सालगिरह
ओह, अब वो दोनों साथ भी नहीं?

आजकल कुछ याद नहीं।
कब फल-सब्जी ताजे थे,
दूध में हॉर्मोन ना थे,
पोषण का भरोसा सही।

आजकल कुछ याद नहीं।
जेब में पैसे थे काफी,
भूल-चूक पर दे दी माफी,
मां की सहेली मासी।

आजकल कुछ याद नहीं।
सफर सुहाना था,
घर का ही खाना था
आप लोगे एक पराठा?
पेट भरा है जी।

आजकल कुछ याद नहीं।
कोटा एक शहर था,
ना कोचिंग का कहर था,
रोज सुसाइड की न्यूज थी नहीं।
आजकल कुछ याद नहीं।

आजकल कुछ याद नहीं।
एग्जाम दिया, फल पाया,
जीवन में रंग आया
अब पेपर लीक हो रहा है कहीं।

आजकल कुछ याद नहीं।
लूना का क्रेज था,
बचपन का फेज था
गाड़ी पर आंख भी नहीं।

आजकल कुछ याद नहीं।
समय बदल रहा है,
आदमी चल रहा है
लेकिन भटक रहा है वहीं।

आजकल कुछ याद नहीं।
मैं क्या कर सकता हूं,
जीते-जी मर सकता हूं
और कोई चारा भी तो नहीं।

आजकल कुछ याद नहीं।
निराशा चारों ओर है,
जीवन होता बोर है
दिमाग का बन गया दही।

आजकल कुछ याद नहीं।
लेकिन इस पल में जान है,
जीने की शान है
आंखें खोलो तो सही।

आजकल कुछ याद नहीं।
अंदर झांककर देखो,
आत्मघृणा फेंको
अपनी सोच करो सही।

आजकल कुछ याद नहीं।
आज दु:ख हैं कल भी आएंगे,
खुशी और गम नाचेंगे-गाएंगे
इस तमाशे में शामिल होना नहीं।

आजकल कुछ याद नहीं।
एक फूल हाथ में लीजिए,
गाल पर सहला दीजिए
आप प्यार के लायक हैं कि नहीं?

आजकल कुछ याद नहीं।
जी हां, तुम प्यारे हो।
बिलकुल अलग और न्यारे हो
ये बात भूलना ना कभी।
आजकल बस याद है वही।
(ये लेखिका के अपने विचार हैं)

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